Sunday, August 31, 2008

मेरे दर्द की जो दवा करे !!!

मेरे दर्द की जो दवा करे
कोई ऐसा शख्स हुआ करे।
जो बेपनाह उदास हो।
पर हिज्र का न गिला करे।

मेरी चाहते मेरी कुर्बते। -2
जिसे याद आयें कदम कदम।
वो सबसे छुपके लिबास सब।
में लिपट के आह बुक करे।

बढे उसका गम तो करार ।
खो दे वो मेरे गम के ख्याल से।
उठे हाथ अपने लिए तो फ़िर भी।
मेर लिए ही दुआ करे।

ये किस्स अजीब-ओगरीब है।
ये मोहब्बतों के नसीब है।
मुझसे कैसे ख़ुद से जुदा करे।
उसे कुछ बताओ की क्या करे।

कभी तय करे युही सोच सोच।
न वो फिराक के फासले।
मेरे पीछे आके दबे दबे।
मेरी आँख मूँद हँसा करे।

खलीफा तुल मसीह रबेह ...

Listen this Wonderful song at http://www.youtube.com/watch?v=VSX3Q102SwA&feature=related

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