Monday, April 7, 2008

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...
अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

किस घड़ी तेरे सुरूर छा गया मेरी रूह पे।
न नज़र का यकीं हुआ न ऐतबार दिल पे।

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...
अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

लम्हा तन्हाई का जब मुझे रुलाने लगा था।
तेरा साया मेरे पास छुप के आने लगा था।

ना पता सासों को न खबर पहुँची आस्ता पे।
न नज़र का यकीं हुआ न ऐतबार दिल पे।

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...
अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

रास्ते तेरे नाम से मुझको बुलाने लगे थे।
मेरे काफिले तेरी तरफ़ मुडके जाने लगे थे।

तेरा इंतज़ार करने लगी ये नज़र साहिल पे।
न नज़र का यकीं हुआ न ऐतबार दिल पे।

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...
अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

खामोशियाँ गुम होने लगी मेरे आगोश से ।
रुस्वायें रूठ कर जाने लगी मेरे आगोश से।

तस्वीर बनने लगी फ़िर तेरी मेरे दिल पे।
न नज़र का यकीं हुआ न ऐतबार दिल पे।

अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...
अफ्वायें ...तेरे मेरे प्यार की अफ्वायें ...

1 comment:

Stranger said...

Gud song. I'll try out some tune on this lyric