Thursday, March 27, 2008

तुझसे मिलने के बाद !!!

यू तो खुशनुमा माहौल है तुझसे मिलने के बाद।
पर ये दिल परेशान है मेरा तुझसे मिलने के बाद।

लहू जम गया था और मैं पसीना पसीना भी हुआ।
अजीब सा वाकया हुआ ये तुझसे मिलने के बाद।

कौन सा जादू है की तू ही तू है हर जर्रे में।
आईने में नहीं अक्स मेरा तुझसे मिलने के बाद।


ये रास्ते जो मेरी मंजिल को जाते थे अब तक ।
सब तेरे घर को मुड गए तुझसे मिलने के बाद।

कोई मजनू बुलाये तो कोई दीवाना पुकारे मुझे।
मैं तो यहाँ बेनाम सा हुआ हूँ तुझसे मिलने के बाद।

में खुदा का बस्शिन्दा हूँ और नमाजी हूँ ईमां से।
पर बुतों को पूजने लगा हूँ में तुझसे मिलने के बाद।

भावार्थ...

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