Friday, March 7, 2008

जिंदगी कितनी बदल गई ।...

हुस्न की दिलकशी जाने लगी है।
प्यार की रवानी जंग खाने लगी है।
अदाओं ने खंजेर लिए हैं उधार।
शोखियाँ कत्ल करके हुई है फरार।
वफ़ा घूमती है दर-दर यहाँ।
नजाकत है गुमराह यहाँ।
आखें साजिश में लगी आज कल।
लब्ज़ झूट बुनने लगे आज कल।

जिंदगी कितनी बदल गई ।...

भावार्थ ....

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