Friday, February 22, 2008

मौज लो और रोज लो !!!

मौज लो और रोज लो।
ना मिले तो खोज लो।

छोड़ो फिक्र के धुएँ ।
छोड़ो सारे गम मुये।
हुस्न की बरसात में।
रह न जाओ उनछुये।

मौज लो और रोज लो।
ना मिले तो खोज लो।

शराब का जाम हो।
शबाब बेपनाह हो।
मस्तियां ही मस्तिया।
सुबह हो और शाम हो।

मौज लो और रोज लो।
ना मिले तो खोज लो।

धिन तिनक धिन गाना है।
हर एक का बैंड बजाना है।
मौजो को बस चीर लो।
ये जवानी एक खजाना है।

मौज लो और रोज लो।
ना मिले तो खोज लो।

बस एक जिंदगानी है।
एक चोटी सी कहानी है।
जब जीना ही है चार दिन।
जाने कब मौत आनी है।

कहता हूँ तभी तो में .....

मौज लो और रोज लो।
नहीं मिले तो खोज लो।

भावार्थ...

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