Wednesday, February 20, 2008

भावार्थ की त्रिवेणी...४

मुझे जाने क्यों मार रहे थे लोग वहाँ।
बता ? बता ? ही सुनाई दे रहा था।

बीच बीच में "कौम" भी किसी ने बोला था शायद !!!
------------------------------------------------------
६ साल का सलीम, कुछ शिवजी के भक्तो से डर के भाग रहा था।
एक घर के सामने जाकर वो खुल जा सिम सिम-२ कहने लगा।

बच्चे कहानियो को कितने ध्यान से सुनते हैं !!!
-------------------------------------------------------
वो जो अल्लाह-हो-अकबर कह कर तलवार चलाते हैं।
या जो भगवा रंग पहन सीने पे त्रिशूल बरसाते हैं।

"मौत" भी एक धर्म बन गई है कलियुग में।
--------------------------------------------------------

2 comments:

peerless_thinker said...

Simply great, it gives the perfect view of the kind heart full of emotion, that has sheltered itself in thoughts of the kavi.
I salute it.

Ajay Kumar Singh said...

Hmmm !!!! Thanks fro your comments....